विनियोग -<br /><br />अस्य गोपाल मंत्रस्य, नारद ऋषि:, अनुष्टुप छंद:, कृष्णो देवता, मम पुत्र कामनार्थ जपे विनियोग:।<br /><br />ध्यान -<br /><br />कस्तूरी तिलकं ललाट पटले वक्ष:स्थले कौस्तुभम्। <br />नासाग्रे वरमौक्तिकं करतले वेणु: करे कंकणम् ॥ <br />सर्वांगे हरिचन्दनं सुललितं कंठे च मुक्तावली। <br />गोपस्त्री परिवेष्टितो विजयते गोपाल चूडामणि:॥ <br /><br />संतान गोपाल मंत्र -<br /><br />ऊं देवकी सुत गोविंद वासुदेव जगत्पते ।<br /><br />देहि मे तनयं कृष्ण त्वामहं शरणं गत:।।